सुधा वर्मा कल्पना से नहीं, जीवन से चुनती थीं: ‘उड़ान अभी बाकी है’ के लोकार्पण समारोह में वक्ता
मुंबई: "कथाकार के पास अपनी पीड़ा, अपना अनुभव होता है जिसे वह अपनी रचनात्मकता से पाठकों तक पहुंचाता है. आज जरूरत इस बात की है कि कथाकार अपने भीतर की ताकत को [...]