डा विनय कुमार द्वारा संपादित ‘लोकतन्त्र के पहरुआ’ पुस्तक का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया लोकार्पण
नई दिल्ली: जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य बशिष्ठ नारायण सिंह के कृतित्व और विचारों पर लिखी [...]
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, इसमें हमारा गौरव है: भारतीय भाषा महोत्सव में मप्र के राज्यपाल मंगू भाई पटेल
भोपाल: "राष्ट्र के साहित्य पर जिनकी पकड़ हो, ऐसे लोगों से जब मिलना होता है, तो मन अति आनंदित होता है." यह बात मध्य [...]
राम मंदिर के उद्घाटन से जुड़ी घटनाओं पर लिखी संजीव शर्मा की पुस्तक ‘अयोध्या 22 जनवरी’ का विमोचन
भोपाल: मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने आकाशवाणी भोपाल में समाचार संपादक संजीव शर्मा की पुस्तक 'अयोध्या 22 जनवरी' का विमोचन किया. [...]
साहित्य समागम समारोह में काव्य कलश युवा रत्न सम्मान से नवाजे गए कवि सुंदर लाल डडसेना मधुर
सरायपाली: खरसिया रायगढ़ के कला एवं साहित्य को समर्पित मंच 'काव्य कलश' ने स्थानीय गायत्री मंदिर परिसर में कवि सम्मेलन एवं साहित्य [...]
लोक, कला, अनुवाद, संस्कृति और विरासत पर ज्वलंत चर्चा के साथ चित्तौड़गढ़ साहित्य उत्सव 2024 संपन्न
चित्तौड़गढ़: कला, संस्कृति और विरासत के रंगों में डूबा चित्तौड़गढ़ साहित्य उत्सव 2024 सकुशल संपन्न हुआ. युवाओं और स्कूली विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी [...]
उपेंद्र भांजा और सूर्या बलदेव रथ ने भारतीय साहित्य को समृद्ध किया: बरहामपुर विश्वविद्यालय में राष्ट्रपति मुर्मु
गंजम: "ओड़िशा के दक्षिणी क्षेत्र का न केवल ओडिशा के इतिहास में, बल्कि भारत के इतिहास में भी बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. [...]
खड़ी बोली के विकास के लिए 1893 में स्थापित नागरीप्रचारिणी सभा तीन दशकों बाद फिर सक्रिय
वाराणसी: आधुनिक खड़ी बोली हिंदी के विकास से जुड़ी नागरी प्रचारिणी सभा तीन दशकों तक निष्क्रिय रहने के बाद एक [...]
कथेतर साहित्य को विज्ञान, पर्यावरण, प्रकृति के मिलन बिंदु तक मिलाता है: ‘कथेतर का रचना विधान’ सत्र में वक्ता
भोपाल: "कथेतर ने कथा को पीछे छोड़ दिया है, पाठकों में कथेतर को लेकर बहुत जिज्ञासा है. कथेतर में लेखक जीवन के [...]
तीन दिवसीय राष्ट्रीय वनमाली कथा सम्मान समारोह में शिवमूर्ति और प्रत्यक्षा सहित दस रचनाकार सम्मानित
भोपाल: जगन्नाथ प्रसाद चौबे 'वनमाली' के रचनात्मक योगदान और स्मृति को संरक्षित करने के लिए स्थापित संस्थान वनमाली सृजन पीठ का तीन [...]
ज्ञान से ही बुद्धि और कौशल का विकास होता है: झारखंड विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति मुर्मु
रांची: "ऐसा कहा जाता है कि स्वर्णरेखा नदी के जल-सेवन मात्र से ही मनुष्य को ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है. [...]
साहित्य की प्रासंगिकता आज भी उतनी जितनी पूर्वकाल में थीः कुल्लू साहित्य उत्सव में तोरूल एस रवीश
कुल्लू: "साहित्य देश और विश्व की हर कड़ी को जोड़ता है. साहित्य की प्रासंगिकता आज भी उतनी ही जितनी पूर्वकाल में [...]
राजकमल प्रकाशन 77वां स्थापना दिवस: ‘भविष्य के स्वर’ विषयक संवाद में इतिहास, पारिस्थितिकी की बात
नई दिल्ली: हर चीज में इतिहास होता है लेकिन हर चीज इतिहास नहीं होती. इतिहास को पठनीय बनाने के लिए [...]
 
											
				 
			
											
				
 
			 
			 
			 
			 
			 
			 
			 
			 
			 
			 
			